रात को नींद में खो जाता हूँ, दिन में तेरे ख्यालों में खो जाता हूँ, ये दिल की उदासी तो समझ नहीं आती, बस हर पल तेरी यादों में खो जाता हूँ।
जो कभी पास थे, अब दूर हो गए, वो रिश्ते जो सच्चे थे, अब झूठ हो गए, कभी खुशी थी दिल में, अब दर्द है सिवा, कभी जिनसे उम्मीदें थी, वो आज ख़ुद खो गए।
चाहत तो बहुत थी, पर कभी जताई नहीं, वो जो दिल में थी, मैंने वो बताई नहीं, जब तक वो पास थे, समझा नहीं, अब उनकी यादें दिल से बिछड़ी नहीं।
कोई भी कितना भी सच्चा क्यों न हो, कभी न कभी वो दूर हो ही जाता है, हर रिश्ते में एक दर्द छुपा रहता है, जो वक्त के साथ और गहरा हो जाता है।
तू अब भी मेरी यादों में बसा है, तेरी वो हँसी आज भी मुझे तड़पाती है, क्या करूँ इस दिल का, जो अब भी तुझसे प्यार करता है, सच्ची मोहब्बत कभी खत्म नहीं होती, वो हमेशा बना रहती है।
दूरी ने फिर एक और खलल डाला है, जिसे दिल से चाहा था, वो अब दूर चला है, क्या बताऊँ उस दर्द को जो महसूस हो रहा है, हर पल उसका नाम मेरे दिल में गूंजता है।
अब तो यह ख्याल भी आता है, क्या सच में तुमसे कभी मोहब्बत थी? या यह बस दिल का कोई भ्रम था, जो अब टूटकर बिखर चुका है।
तेरे बिना जीने का अब ढंग ढूंढ रहा हूँ, बस खुद को समझाने का तरीका ढूंढ रहा हूँ, जिन्हें कभी अपने समझा था मैंने, वो अब सारा दर्द दिल में छोड़कर चले गए हैं।
हमने कभी किसी से कुछ नहीं माँगा, बस तुम्हारा साथ माँगा था, पर तुमने कुछ नहीं दिया, खुश रहने के लिए अब कोई वजह नहीं चाहिए, क्योंकि तुमसे प्यार करने का कोई हक़ नहीं था।
अब जो भी तुमसे सवाल पूछे, बस एक ही सवाल होता है, क्या कभी तुमने मुझे सच में चाहा था, या सिर्फ कुछ समय के लिए दिल बहलाया था।

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